वह जिंदगी ही क्या जिसमे मोहब्बत नही

अप्रैल 3, 2009

वह जिंदगी ही क्या जिसमे मोहब्बत नही, वह मोहब्बत ही क्या जिसमे यादें नही,

वह यादें ही क्या जिसमे तुम नही, और वह तुम ही क्या जिसके साथ हम नही 

 

दोस्ती तो सिर्फ एक इत्तफाक हैं ! यह तो दिलो की मुलाक़ात हैं !!

दोस्ती नहीं देखती यह दिन हैं की रात हैं ! इसमें तो सिर्फ वफादारी और जज्बात हैं !!

 

आपको पाकर अब खोना नही चाहते इतना खुश होकर अब रोना नही चाहते

यह आलम है हमारा आपकी जुदाई से आँखों में नींद है मगर सोना नही चाहते 

 

न ख्वाबों में देखा, न नज़रों में देखा, हजारों में एक हमने तुम ही को देखा,

गम देने वाले तो हर पल है यहाँ, हर पल खुशी देने वालों में एक तुम ही को देखा 

 

मिटटी की अनोखी मूरत हो तुम, जिंदगी की एक ज़रूरत हो तुम,

फूल तो खुबसूरत होते है, फूलो से भी खुबसूरत हो तुम 

 

दोस्तों की कमी को पहचानते हैं हम दुनिया के गमो को भी जानते हैं हम

आप जैसे दोस्तों का सहारा है तभी तो आज भी हँसकर जीना जानते हैं हम 

 

आज हम हैं कल हमारी यादें होंगी जब हम ना होंगे तब हमारी बातें होंगी

कभी पलटोगे जिंदगी के ये पन्ने तब शायद आपकी आंखों से भी बरसातें होंगी 

 

कोई दौलत पर नाज़ करते हैं कोई शोहरत पर नाज़ करते हैं

जिसके साथ आप जैसा दोस्त हो वो अपनी किस्मत पर नाज़ करते हैं

 

हर खुशी दिल के करीब नहीं होती ज़िंदगी ग़मों से दूर नहीं होती

इस दोस्ती को संभाल कर रखना क्यूंकि दोस्ती हर किसी को नसीब नहीं होती

 

रेत पर नाम लिखते नहीं रेत पर लिखे नाम कभी टिकते नहीं

लोग कहते हैं पत्थर दिल हैं हम लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं 

 

दिल से दिल की दूरी नहीं होती काश कोई मज़बूरी नहीं होती

आपसे अभी मिलाने की तमन्ना है लेकिन कहते हैं हर तमन्ना पुरी नहीं होती

 

फूलों से हसीं मुस्कान हो आपकी चाँद सितारों से ज्यादा शान हो आपकी

ज़िंदगी का सिर्फ़ एक मकसद हो आपका कि आंसमा से ऊँची उड़ान हो आपकी

 

वक्त के पन्ने पलटकर फ़िर वो हसीं लम्हे जीने को दिल चाहता है

कभी मुशाकराते थे सभी दोस्त मिलकर अब उन्हें साथ देखने को दिल तरस जाता है

 

Hello world!

अप्रैल 3, 2009

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